तेरी अनुपस्थिति में खुश हैं वे पक्षी
रिक्त है उनके विश्राम के लिए तेरे अहाते की डोरियाँ
कल तक सूखा करता था जिस पर भीगा हुआ
एक सफेद दुपट्टा
घौंसले में दुबके बया के बच्चों की नींद
आज नही टूटी बर्तनों के शोर से
आज भी बच्चे उलझ गये थे तेरी गली में
काँच की गोटियों के लिए
पर आज बालकनी से नही हँसा
खिलखिलाकर कोई भी
आज नही हैं कंघी में फँसे हुए
तेरे केशों के गुच्छे
आज दुपहरी को भी फेरी वाले
बेर लिए लगा रहे थे आवाज़
पर आज कोई नही था खड़ा
तेरे घर की चौखट पर ऐडी उठाएँ
अहाते के नीम पर बेखौफ़ गूँज रही थी
कौओ की कांव कांव
और देर तक दूबका रहा था मैं भी
अपनी रज़ाई में
नही सुनी एक भी सिसकी
सर्द सुबह में तेरे लौट जाने के गम की
कितनी सहजता से
स्वीकार कर रही थी यह प्रकृति
तेरी अनुपस्थिति को
अब चैन से करेंगे रैन-बसेरा
तेरे घर की दीवारों पर चमगादड़
आज रात निकलेंगे दुबके चूहे बिलों से बाहर
कुतरेंगे उन तकियों को जिनमें बसी हैं तेरी केश गंध
चींटों की पंक्तियाँ अब कभी न टूटेगी
तेरे फहराते आँचल के छोर से
वे अब इत्मिनान से करेंगे इकट्ठे
अपने बिलों में अन्नो के दाने
सदियों बाद
मैं बिना इंतज़ार सो पाऊँगा
-अहर्निशसागर-
रिक्त है उनके विश्राम के लिए तेरे अहाते की डोरियाँ
कल तक सूखा करता था जिस पर भीगा हुआ
एक सफेद दुपट्टा
घौंसले में दुबके बया के बच्चों की नींद
आज नही टूटी बर्तनों के शोर से
आज भी बच्चे उलझ गये थे तेरी गली में
काँच की गोटियों के लिए
पर आज बालकनी से नही हँसा
खिलखिलाकर कोई भी
आज नही हैं कंघी में फँसे हुए
तेरे केशों के गुच्छे
आज दुपहरी को भी फेरी वाले
बेर लिए लगा रहे थे आवाज़
पर आज कोई नही था खड़ा
तेरे घर की चौखट पर ऐडी उठाएँ
अहाते के नीम पर बेखौफ़ गूँज रही थी
कौओ की कांव कांव
और देर तक दूबका रहा था मैं भी
अपनी रज़ाई में
नही सुनी एक भी सिसकी
सर्द सुबह में तेरे लौट जाने के गम की
कितनी सहजता से
स्वीकार कर रही थी यह प्रकृति
तेरी अनुपस्थिति को
अब चैन से करेंगे रैन-बसेरा
तेरे घर की दीवारों पर चमगादड़
आज रात निकलेंगे दुबके चूहे बिलों से बाहर
कुतरेंगे उन तकियों को जिनमें बसी हैं तेरी केश गंध
चींटों की पंक्तियाँ अब कभी न टूटेगी
तेरे फहराते आँचल के छोर से
वे अब इत्मिनान से करेंगे इकट्ठे
अपने बिलों में अन्नो के दाने
सदियों बाद
मैं बिना इंतज़ार सो पाऊँगा
-अहर्निशसागर-
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletepyare bhai aapki kalpnaateet kalpna ko salaam...//
ReplyDeleteकमाल लिखे हो
ReplyDeleteKamaal ka Blog hea ......Aharnish
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