मैं आस्तिक हूँ
घोर आस्तिक
एक अंध श्रदालु
क्यूंकी
मैनें कुछ ग़लतियाँ की हैं
मैं कुछ और ग़लतियाँ करना चाहता हूँ
मैं कुछ लोगों से नफ़रत करना चाहता हूँ
और फिर
अपने किये की क्षमा चाहता हूँ
-अहर्निशसागर-
घोर आस्तिक
एक अंध श्रदालु
क्यूंकी
मैनें कुछ ग़लतियाँ की हैं
मैं कुछ और ग़लतियाँ करना चाहता हूँ
मैं कुछ लोगों से नफ़रत करना चाहता हूँ
और फिर
अपने किये की क्षमा चाहता हूँ
-अहर्निशसागर-
:)
ReplyDeleteus nanhe se panchi ke ek pal ke kalrav ne kai sur baandh diye....waise hi bachche tumhari choti choti kavita me kamaal likha hei .....
ReplyDeleteneem andhere main salo bethkar usee samjhata raha ki ...ki roshni kaisi hoti hei ...kya hoti hei ...tab jake kahin bhool paya suraj ka chehra........Gazab