अगर कुछ भी हैं
जिसे अमरत्व प्राप्त हैं
तो जरूर मृत्यु एक गिलहरी होगी
जो चीज़ों को आधा-अधूरा कुतर कर छोड़ देती हैं
जिसे अमरत्व प्राप्त हैं
तो जरूर मृत्यु एक गिलहरी होगी
जो चीज़ों को आधा-अधूरा कुतर कर छोड़ देती हैं
जीवन चाहे कितना ही असाधारण रहा हो
मृत्यु साधारण होनी चाहिए
विस्लाव शिम्बोर्स्का के टिड्डे की तरह
मसलन, झुण्ड उड़ गया
और हम एक कांटे में बिंधे रह गए
विस्लाव शिम्बोर्स्का के टिड्डे की तरह
मसलन, झुण्ड उड़ गया
और हम एक कांटे में बिंधे रह गए
मैं हाँक लगाकर खेतों से तोते उड़ाया करता था
कभी एक साथ इतने तोते डरकर उड़ जाते
कि भ्रम हो जाता,
लगता तोते बैठे रह गए और खेत उड़ गया
ऐसे ही किसी भ्रम की आड़ में उड़ जाना चाहता हूँ
जैसे तुझसे सट कर मैं बैठा रह गया
.....और देह उड़ गई
कभी एक साथ इतने तोते डरकर उड़ जाते
कि भ्रम हो जाता,
लगता तोते बैठे रह गए और खेत उड़ गया
ऐसे ही किसी भ्रम की आड़ में उड़ जाना चाहता हूँ
जैसे तुझसे सट कर मैं बैठा रह गया
.....और देह उड़ गई
मैं किराये के कमरे बदलता रहता हूँ
शहर में भी और संसार में भी
देह के भी और अ-देह के भी
पिछली बार जब नए कमरे में रहने आया
कमरे में मेज पर एक गुलदान पड़ा था
उसमें कई बार फूल बदले गए थे
एक दिन अंतिम बार बदले गए
फिर कभी नहीं बदले गए
शहर में भी और संसार में भी
देह के भी और अ-देह के भी
पिछली बार जब नए कमरे में रहने आया
कमरे में मेज पर एक गुलदान पड़ा था
उसमें कई बार फूल बदले गए थे
एक दिन अंतिम बार बदले गए
फिर कभी नहीं बदले गए
-अहर्निशसागर-
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