यह ऋतु बंद होते फाटकों
खिड़िकियों कि आवाज से भरी हुई हैं
शिशिर के इस आँगन में
एक बच्ची गड़लिये से चलना सिख रही हैं
कितना विस्मय हैं
पृथ्वी पर शिशिर और बसंत आता हैं
अनंत निर्वात में यह छोटा सा स्पंदन
बच्ची गड़लिये को धकेलती हैं
तो पहिये चियां-चियां कि आवाज करते है
यह आवाज छत्तों में शहद भरेगी
कबूतर फड़फड़ाते हुए बावड़ियों से बाहर आयेंगे
यह आवाज पार करेगी
तमाम बंद फाटकों और खिड़कियों को
आच्छादित होगी पूरी पृथ्वी इसी आवाज से
एक बार फिर
शिशिर के इस आँगन में बसंत आएगा
चियां-चियां करते हुए।
-अहर्निशसागर-
सबसे सुंदर बसंत :)
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत !
ReplyDeleteSehme- sehme Mannn ko Thaap de Ker ........jagataa.......
ReplyDeleteGungunata Basant......