Monday, February 10, 2014

बसंत















यह ऋतु बंद होते फाटकों
खिड़िकियों कि आवाज से भरी हुई हैं
शिशिर के इस आँगन में
एक बच्ची गड़लिये से चलना सिख रही हैं
कितना विस्मय हैं
पृथ्वी पर शिशिर और बसंत आता हैं
अनंत निर्वात में यह छोटा सा स्पंदन

बच्ची गड़लिये को धकेलती हैं
तो पहिये चियां-चियां कि आवाज करते है
यह आवाज छत्तों में शहद भरेगी
कबूतर फड़फड़ाते हुए बावड़ियों से बाहर आयेंगे
यह आवाज पार करेगी
तमाम बंद फाटकों और खिड़कियों को
आच्छादित होगी पूरी पृथ्वी इसी आवाज से

एक बार फिर
शिशिर के इस आँगन में बसंत आएगा
चियां-चियां करते हुए।


-अहर्निशसागर-

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