Thursday, July 11, 2013
रहस्य
रहस्य "रहस्य" बना हुआ हैं
और हम सब अपने सच्चे अर्थों में झूठे हैं
ठीक ईश्वर की तरह !
-अहर्निशसागर-
1 comment:
अनुपमा पाठक
July 23, 2013 at 8:20 PM
सत्य!
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सत्य!
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