Saturday, February 23, 2013

खुशबु कैद रहें फूलों में















मधुमक्खियाँ सुरक्षित रहें छत्तों में
एक दंश का बदला पुरे कुनबे से न लिया जाएँ
आदमी मुक्त हो, लेकिन
खुशबु कैद रहें फूलों में

महामहिम खुद साफ़ करें अपने जूते

वे जो प्रेम करते हैं
और कवितायेँ लिखते हैं
उन्हें थोडा दुःख मिलें
प्रेम के शीर्ष पर जीवन उतार दें सौन्दर्य की केंचुली
प्रेमी के हिस्से का सौन्दर्य उस वैश्या को मिलें
जो जवानी में दिखने लगी हैं बूढी

उल्लू की एक आँख में मोतिया हो
हमेशा रहें चिड़िया की रगों में बिल्ली का भय
कोई धातु इतनी मजबूत ना बनें
की युद्ध में बंदूकें जाम ना हो

वे जो कीचड़ में कमलवत हैं
उन्हें ऐसे भंवर में फसाया जाएँ
की कीचड़ में गिरते-गिरते बचें

अमन के लिए इतना ही लड़ा जाएँ
की वह बद-अमनी से ज्यादा खतरनाक न लगें


-अहर्निशसागर-

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