Tuesday, August 4, 2015

शुक्रिया के बदले शुक्रिया












शुक्रिया के बदले शुक्रिया
शुभकामना के बदले शुभकामना
प्रेम के बदले प्रेम
इससे निश्चित और निजी
मेरे पास कुछ नहीं


और जीवन कितना अनिश्चित !
अमरुद की सबसे कच्ची डाल पर भी
पक्षियों के घोसले हैं,
ऐसी जगहों पर भी घोसले हैं
जो अगले बसंत तक अपनी जगहें पर नहीं बचेगी

लौट आने की भी एक अनिश्चित मियाद हैं
जहाँ से मैंने विदा ली वो जगहें भी अनिश्चित
अचानक मियाद ख़त्म हो जाएं
हम उन जगहों पर लौट नहीं पाएंगे
जहाँ से हमने विदा ली थी

यात्रा के गंतव्य अनिश्चित हैं
लेकिन निश्चित हैं यात्रा
निश्चित हैं..
शुक्रिया के बदले शुक्रिया कहूँगा
प्रेम के बदले प्रेम दूंगा
लेकिन लौट आने का वचन न दूंगा
सादर
सविनय
नमस्कार करूँगा
चल दूंगा

2 comments:

  1. सभी अनिश्चितयों के बीच , जीवन रहने तक निश्चित है यात्रा ....

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  2. सभी अनिश्चितयों के बीच , जीवन रहने तक निश्चित है यात्रा ....

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