तुम रचना,
अंत के बाद आग रचना
और जीवन के लिए घड़े में पानी रच देना
और जीवन के लिए घड़े में पानी रच देना
घर पहुंचकर, घर से कुछ बाहर रह जाऊं
अंजुरी में भरकर, घर ले आना
मुझे घर में पूरा रचना
अंजुरी में भरकर, घर ले आना
मुझे घर में पूरा रचना
हर मूर्त-अमूर्त चीज़ का नेपथ्य हैं
पहले उनका नेपथ्य रचना
मेरा पास आना रचने से पहले
मेरा चले जाना रच देना
पहले उनका नेपथ्य रचना
मेरा पास आना रचने से पहले
मेरा चले जाना रच देना
खड़ी चारपाई आँगन में लिटा दो
तो चारपाई रच जाती हैं
चलते-चलते थक कर सो जाऊँगा
सोते-सोते थक जाऊं, तो अंत रच देना
लेकिन अंत के तुरंत बाद आग मत रचना
बीच में स्मृतियाँ रचना
तो चारपाई रच जाती हैं
चलते-चलते थक कर सो जाऊँगा
सोते-सोते थक जाऊं, तो अंत रच देना
लेकिन अंत के तुरंत बाद आग मत रचना
बीच में स्मृतियाँ रचना
अगर हो सकें तो कुछ भी महान रचने से बचना
महान को बार-बार रचा नहीं जा सकता
जहां महान बार-बार रचा जा सकें
ऐसी 'जगहें' रचना।
महान को बार-बार रचा नहीं जा सकता
जहां महान बार-बार रचा जा सकें
ऐसी 'जगहें' रचना।
-अहर्निशसागर-
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