Thursday, December 19, 2013

भविष्य लौटता हैं मेरी तरफ














भविष्य लौटता हैं मेरी तरफ
रण भूमि से लंगड़ाते हुए उस घोड़े की तरह
जिसकी पीठ पर सेनापति की लाश हैं

वृतमान के कौनसे वार नें घोड़े को घायल किया ?
अतीत की कौनसी गलती से सेनापति मारा गया ?
मैं नहीं जानता

कायर राजा की तरह
बार-बार शराब गटकता हूँ
और झरोखे से झांकता हूँ
सोचता हूँ
भविष्य चाहे एक हो लेकिन
मेरे पास घायल होने के लिये असंख्य घोड़े हो
मारे जाने के लिए असंख्य सेनापति ।

-अहर्निशसागर -

1 comment:

  1. भिवष्य के मद मे चूर अतीत ओर वॄतमान को याद नही रखना चाहता...
    घायल हौने के िलए असख घोङे हौ और मारे जाने के िळए सेनापिल..
    कायरता चरम परहै। बहुत खूब अहॄिनश

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