Tuesday, January 29, 2013

प्रार्थनाएं














रविवार की सुबह
एक बच्चा प्रवेश करता हैं चर्च में
प्रार्थना के बीच टोकता हैं पादरी को-
"तू भटक गया हैं पादरी, चल मेरे साथ चल
------मैं तेरा घर जानता हूँ"
पादरी, प्रार्थना के उपरांत
बच्चे को उसके घर छोड़ आता हैं

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किसान जमीन पर घुटने टेक
प्रार्थना करता हैं बारिश के देवता से
सुदूर आकाश में उड़ते गिद्ध
प्रार्थना करते हैं अनावृष्टि की
विरोधी प्रार्थनाएं टकराती हैं आकाश में
असमंजस में पड़ा बारिश का देवता
निर्णय के लिए एक सिक्का उछालता हैं

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पहाड़ की नोक पर
उग आये सूरज को देखकर
बच्चा प्रार्थना करता हैं--
काश, ये सूरज गेंद की तरह टप्पे खाता
उसके पैरों में आकर गिर जाएँ

बच्चों की प्रार्थनाओं से घबराया हुआ ईश्वर
अपने नवजात पुत्र का सिर काट देता हैं

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हम अपनी प्रार्थनाओं में
लम्बी उम्र की कामना करते हैं
कामना करते हैं सौष्ठव शरीर
और अच्छे स्वास्थ्य की

लेकिन उस युद्ध ग्रस्त देश में
जब प्रार्थना के लिए हाथ उठते हैं
वे कामना करते हैं-
हमारे सीने को इतना चौड़ा करना
की कारतूस उसे भेद हमारे बच्चों तक ना पहुंचे
हमें घर की सीढ़ियों से उतरते हुए गिरा देना
ताकि औरतों को लाशों के ढेर में हमें खोजना ना पड़ें

हे ईश्वर
जब युद्ध प्रार्थनाओं को भी विकृत कर दें
तू योद्धाओं से उनकी वीरता चीन लेना

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बुद्ध ने अपने अंतिम व्याख्यान में
प्रार्थनाओं को निषेध कर दिया

कही कोई ईश्वर नहीं,
तुम्हारी प्रार्थनाएँ मनाकाश में
विचरती हैं निशाचरों की तरह
और तुम्हारा ही भक्षण करती हैं

भिक्षुक, प्रार्थनाओं से मुक्ति के लिए
प्रार्थना करते हैं
और भविष्य के लिए मठों में
काठ के छल्ले लगाते हैं


-अहर्निशसागर-

Monday, January 28, 2013

मगरमच्छ उड़ सकते हैं











यह किसी रहस्यमयी कथा का हिस्सा नहीं
एक सच हैं की
मगरमच्छ उड़ सकते हैं
और इतना तेज़ उड़ सकते हैं
की गिद्दों और बाजों का भी शिकार कर लें
लेकिन आप उन्हें कभी
उड़ते हुए देख नहीं पायेंगे
क्यूंकि जब तक वे
आपके बीच आपकी तरह बनकर रहते हैं
उन्हें अपना पेट भरने के लिए
उड़ने की कोई जरूरत नहीं

-अहर्निशसागर-

Tuesday, January 22, 2013

नमक की तरह ख़ूबसूरत होना














समंदर तट पर रहने वाली लड़की !
समंदर कितना अकेला होता हैं अपने भीतर
उतना ही अकेला , जितना बसंत उदास होता हैं
बसंत के मौसम में

समंदर तट पर बैठी हो तुम
तट की रेत राख हो चुकी हैं
घुटनों तक राख में डूबे
हवस के दैत्याकार हाथी तुम्हारी तरफ बढ़ते हैं
महावत की उम्र कितनी छोटी होती हैं हाथी से
अनंत में डूबा तुम्हरा महावत
राख के भीतर से हँसता हैं
इस शोक पूर्ण हंसी के साथ
तुम अपनी प्रतीक्षा का फंदा क्षितिज के गले में फंसा दो

समंदर तट पर रहने वाली लड़की !
समंदर के अकेलेपन में तुमने अपना विछोह घोला
और समंदर ने तुझे
नमक की तरह ख़ूबसूरत बना दिया
सौंदर्य के इस शीर्ष पर
अब मैं सिर्फ "लड़की" संबोधित करता हूँ तुझे
वही अनाम लड़की जिसकी कहानी
तमाम कहानिओं की शुरुआत से पहले समाप्त हो चुकी थी
दोस्तोयेव्स्की जिसका जिक्र
अपने उपन्यासों के अंत तक नहीं कर पाया
एक अनाम लड़की के नाम ख़त लिखकर
कथाओं के पात्र आत्महत्या करते हैं
एक दुखांत अंत के बाद शुरू होती हैं तुम्हारी जिन्दगी

कितना मुश्किल हैं
सिर्फ एक "लड़की" होना
नमक की तरह ख़ूबसूरत होना



-अहर्निशसागर- 

हमारे पास आँखे होती














अँधा होने की पहली शर्त थी
हमारे पास आँखे होती

ईसाइयत जीसस से नहीं
सलीब से पैदा हुई थी
जीवन के गाये तमाम गीत साबित करते हैं
मनुष्य सिर्फ मृत्यु से प्रेम करता हैं

सभ्यताओं के विकास के सही आंकड़े
युद्धों के बाद विध्वंस में मिलेंगे

एक खुबसूरत दुनिया बनाने के लिए
जरूरी थे खुबसूरत जोड़े
और वे प्रेम करते रहें एक दुसरे की खूबसूरती से
उसके लिए होनी चाहिए एक खुबसूरत दुनिया
जो की हमारे पास नहीं थी

ईश्वर वो चिड़ीमार हैं
जो अक्सर जाल फेंककर भूल जाता हैं
और कलाकार वो पक्षी
जो करतब दिखाते फंसेगा उसमें


-अहर्निशसागर-